
भोले बाबा के भक्त हमारे गाँव पहुँचे…
पूछा क्या खाएंगे हमारे गांव की दुकान से? बोले, सन्यासी हूँ,भिक्षा में चयन नहीं करते … जो दिया खुशी से ले लिया …
निरक्षर हैं खाली समय में…अपनी ही कपड़ो पर बोर्ड देखकर कर लिख लिया करते हैं …